सोने की चिड़िया कहे जाने वाला देश आज पीछे कैसे रह गया ?
दोस्तों वैसे तो हम सभी जानते है की हमारे देश भारत को किसी समय पर सोने की चिड़िया कहा जाता था ऐसा मन जाता है की अंग्रेजो के सासन काल से पहले हमारा भारत दुनिया का सबसे अमीर देश हुआ करता था दुनिया के पास बहुत सी ऐसी चीजे नहीं थी जो भारत के पास थी लेकिन आखिर ऐसा क्या हुआ की भारत दुनिया का सबसे अमीर देश हुआ करता था आज पीछे रह गया आज हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे ?
अंग्रेज भारत में कैसे आये और क्यों आये ?
सन 1608 में कुछ अंग्रेज व्यापार के उद्देश से भारत आये थे | उस समय भारत पर मुगलों का साशन हुआ करता था तो व्यापार के लिए उन्होंने उस समय के राजा जहाँगीर से व्यापार के लिए अनुमति मांगी| जब अंग्रेज पहली बार जहाँगीर से मिले तो जहाँगीर ने उनका स्वागत बड़े सम्मान के साथ किया क्योंकि वो हमारे देश के मेंहमान थे और हमारे देश का ये रिवाज है की अतिथि भगवन के समान होता है इसलिए हमारे राजा महाराजा भी इसका ख्याल भली भाति रखते थे|अंग्रेजो ने जहाँगीर से व्यापार करने की इजाजत मांगी और उन्हें व्यापार करने की इजाजत भी मिल गयी / उस समय सूरत भारत का वो स्थान था जहाँ से आयत और निर्यात बड़ी आसानी से किया जा सकता था तो अंग्रेज भी सूरत से समान को ले जाया करते थे और उसके बदले भारतियों को समान के बजन के जितना सोना दिया करते थे जिसकी बजह से वहां के हर घर में सोने की काफी तादात हुआ करती थी /
जहाँगीर ने अंग्रेजो को दो इजाज़त देकर बहुत बड़ी गलती कर दी
भारत से स्टील , कपडा और मसलों के बदले में भारतीयों को सोना दे जाने के कारण उन्होंने जहाँगीर को खुस कर दिया और भारत में कखाने चलने की इजाज़त भी जहाँगीर से ले ली इसी के साथ साथ जहाँगीर ने एक और बड़ी गलती कर दी उन्होंने की अंग्रेजों का एक राजदूत उनके दरवार में रह सकता है बस उसी कारण सन 1615 में सर थॉमस रो एम्बेसडर के तौर पर भारत आया |
सर थॉमस रो ने जहाँगीर से Trade (लूट ) करने की इजाजत कैसे ली ?
सर थॉमस रो अपनी कूट नीति में माहिर था और साथ ही साथ वो इंग्लैंड की रानी एलिजाबेथ का काफी करीबी था उसने अंग्रेजी में एक फरमान तैयार किया जिसमे राजा से Trade करने की इजाज़त का जिक्र था उस समय Trade का मतलब लूट पाट करना हुआ करता था वह ये भली भाति जानता था की जहाँगीर बाकि सभी भाषायों में निपुड है लेकिन उसे अंग्रेगी नहीं आती उसने वह फरमान राजा को दिया क्योंकि बादशाह को अंग्रेजी नहीं आती थी इसलिए अपने उसने अपने एक दरवारी को वह पत्र पड़ने को कहा और बादशाह ने उसका विश्वास करते हुए उस पत्र पर signature कर दिए / यही नहीं थॉमस जहाँगीर से कुछ विशेष अधिकार लेने में भी कामयाब हो गया जो की जहाँगीर की सबसे बड़ी गलती की /
अंग्रेजों ने भारत को कैसे लूटना शुरू किया ?
राजा से अनुमति मिलने के बाद अंग्रेजों ने बहुत से कखाने स्थापित कर दिए थे और अब वे जहाँ भी जाते और राजा का हस्ताक्षर किया हुआ पत्र लोगो को दिखा कर लूट मार करते थे इसके बाद उन्होंने सबसे पहले लगभग 900 जहाज सोने के भरकर इंग्लैंड के लिए रवाना कर दिए थे और इसके बाद अंग्रेजो ने एक के बाद एक भारत में कारखाने खोलने सुरु कर दिए ऐसा मन जाता है की ईस्ट इंडिया company जितने भी वर्ष भारत में रही उन्होंने हमेसा मुनाफा कमाया था अंग्रेज लूट मार के साथ साथ वो भारत पर भी अपना साशन करना चाहते थे लेकिन वो सफल न हो सके/
एक गद्दार की बजह से पूरे भारत पर अंग्रेज शासन करने में सफल हुए, आखिर कोन था वो गद्दार ?
पुराने समय में बंगाल बहुत बड़ा राज्य हुआ करता था जहा के राजा का नाम सिराजुद्दौला था ईस्ट इंडिया company ने उन्हें हराने की बहुत कोसिस की लेकिन वो अपनी हर चल में नाकाम रहे इसलिए सन 1757 अंग्रेजों ने रोबर्ट क्लाइव के नेत्रित्व में बंगाल पर हमला करना छह उस समय रोबर्ट क्लाइव की सेना में मात्र 350 सैनिक थे और सिराजुदौला के पास 18,000 सैनिक थे / रोबर्ट यह भली भांति जनता था की इतनी बड़ी सेना के आगे एक घंटे भी टिकना बहुत मुश्किल है लेकिन इसके बावजूद भी रोबर्ट युद्ध जीत गया आपको बता दे की ये युद्ध प्लासी के युद्ध के नाम से मशहूर है जिसकी बजह से अंग्रेजों को भारत पर शासन करने का मौका मिल गया, असल में हुआ ये थे की सिराजुदौला का एक सेनापति जिसका नाम मीर जाफर था, रोबर्ट ने मीर जाफर को धन और सत्ता का लालच देकर उसने उसे अपनी तरफ कर लिया इसलिए युद्ध के समय मीर जाफर ने अपनी सेना से बिन युद्ध किये आत्म समर्पण करने को कहा और इतिहास में इस युद्ध को अंग्रेजो की जीत कहा गया युद्ध के बाद सिराजुदौला की सेना को अंग्रेजों ने बंधी बना लिया और उन सेनिको को दस दिन तक भूंखा रखा गया इसके बाद उन सेनिकों की हत्या कर दी गयी और मीर जाफर और रोबर्ट ने आपस में सलाह बनाकर सिराजुदौला की भी हत्या कर दी गयी और इसके बाद मीर जाफर को सिंहासन मिल गया और ईस्ट इंडिया कपनी सत्ता में आ गयी और हम मीर जाफर की गद्दारी की बजह से हम अंग्रेजों के गुलाम बन गए /
भारत पर शासन करते समय उन्होंने हमारे साथ क्या किया ये हम सभी जानते है उन्होंने हमें अपनी ही जमीन पर एक बंधी बनाकर रखा और हम पर अनेको प्रकार का टैक्स लगाकर हमारे देश से हर साल लगभग 4 मिलियन पाउंड्स की दौलत को इंग्लैंड ले जाते थे / उन्होंने हमारी गुलामी के समय हमारे देश में बहुत से बदलाव किये अंग्रेजों ने हमारी सभ्यता को छोड़कर हमारे देश में पश्चिमी सभ्यता को बढावा दिया हमारे देश में शिक्षा को जड़ से ख़त्म कर दिया अंग्रेजी काल से पहले हमारे देश में गुरुकुल हुआ करते थे लेकिन अंग्रेजो ने हमारे देश में फिर स्कूल बनवा दिए लेकिन उन स्कूल लो का मकसद भारत में शिक्षा को विकसित करना या उन्हें कबिल बनाना नहीं था बल्कि अंग्रेजो को अपनी नौकर सही में कुशल नौकरों की जरुरत थी इसलिए उन्होंने भारत में western culture से स्कूलों में शिक्षा देना शुरू कर दिया जिसकी बजह से हमने अपनी पुराणी सब्याताओ को खो दिया /
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